Thursday, 4 January 2018

पार्टी के कद्दावर पाटीदार नेता नितिन पटेल को मनाने के बाद अब कोली समुदाय के ताकतवर

छठी बार गुजरात में सरकार बनाने वाली बीजेपीकी मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. पार्टी के कद्दावर पाटीदार नेता नितिन पटेल को मनाने के बाद अब कोली समुदाय के ताकतवर नेता पुरुषोत्तम सोलंकी ने बगावत कर दी है.सोलंकी ने बीजेपी नेतृत्व को आंखे दिखाते हुए कैबिनेट मंत्री का दर्जा देने की मांग की है. पुरुषोत्तम सोलंकी मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से मिलने पहुंचे और उन्होंने कहा कि उनकी जाति एक बड़ी वोट बैंक रखती है, तो उन्‍हें अच्छा मंत्रालय मिलना ही चाहिए.
सोलंकी ने कहा है कि अगर उन्हें कोई और बड़ा विभाग नहीं मिलता है तो उनके समाज के लोग उनसे नाराज हो सकते हैं. सोलंकी के नाराज होने की खबरें आने के बाद आननफानन में सरकार के संकटमोचक माने जाने वाले मंत्री भुपेन्द्रसिंह चुडासमा उनसे मिलने पहुंच गए.
ध्यान रहे इससे पहले पाटीदार नेता और डिप्‍टी सीएमनितिन पटेल वित्त, शहरी विकास और पेट्रोकेमिकल विभाग छिन जाने से नाराज चल रहे थे. लेकिन पार्टी अध्‍यक्ष अमित शाह ने उनको फोन किया और उनको वित्त विभाग देकर मना लिया गया. इससे पहले वित्त विभाग सौरभ पटेल को दिया गया था.

अखिलेश से पूछा गया कि क्‍या वाकई ऐसा कहा गया था

यूपी में बीजेपी शपथ ग्रहण समारोह के दिन मंच पर मुलायम सिंह यादव ने पीएम नरेंद्र मोदी के कान में कुछ कहा था. अखिलेश यादव भी मौजूद थे. उसके बाद से ही सूबे की सियासत में यह चर्चा चल रही है कि आखिर मुलायम ने पीएम से क्‍या कहा

शुक्रवार को एक न्‍यूज चैनल के कार्यक्रम में उपस्थित अखिलेश से जब यह सवाल दोहराया गया तो पहले तो उन्‍होंने उसको टालने की कोशिश की लेकिन जब आग्रह किया गया तो उन्‍होंने कहा कि अगर मैं इस सवाल का जवाब दे दूंगा तो आप लोग यकीन नहीं करेंगे. फिर पूछने पर उन्‍होंने कहा कि पिता जी ने पीएम मोदी के कान में कहा था कि बच के रहना ये मेरा बेटा है. इस पर वहां उपस्थित सभी लोग हंसने लगे. इसके बाद जब अखिलेश से पूछा गया कि क्‍या वाकई ऐसा कहा गया था तो उन्‍होंने मुस्‍कुराते हुए जवाब दिया कि मैंने पहले ही कहा था कि यदि इस मसले पर कुछ कहूंगा तो आप लोग यकीन नहीं करेंगे. इसको सुनकर वहां उपस्थित सभी लोग हंसने लगे.

कर्नाटक में बीजेपी को लग सकता है बड़ा झटका

नई दिल्ली। हाल ही में हुए गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने एक बार फिर जीत हासिल करके सत्ता हथिया ली थी। लेकिन ये जीत हमेशा की तरह आसान नहीं रही। इस बार कांग्रेस ने बीजेपी को बड़ी टक्कर दी थी। अब 2018 में कर्नाटक समेत कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। कर्नाटक चुनाव से पहले ही बीजेपी के लिए एक बुरी खबर आ रही है।
कांग्रेस की कर्नाटक इकाई ने दावा किया कि राज्य में विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी के कुछ विधायकों और नेताओं ने पार्टी में शामिल होने की इच्छा जताई है। कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष जी. परमेश्वर ने कहा, भाजपा के कुछ विधायकों और नेताओं ने हमारी पार्टी में शामिल होने की इच्छा जताई है और हमारे संपर्क में हैं लेकिन हर किसी को पार्टी में लेना कठिन है क्योंकि उन विधानसभा क्षेत्रों में हमारी अपनी पार्टी के नेता हैं। उन्होंने कहा, उन्हें पार्टी में लेने से पहले हमें सोचना होगा।

शिवपाल के काफिले से गायब रहे सपा के झंडे

उत्तर प्रदेश में फरवरी-मार्च में हुए विधानसभा चुनावों से पहले और बाद में भी समाजवादी पार्टी में मचे घमासान के बीच कई बार इस तरह की खबरें आईं कि राज्य के पूर्व कैबिनेट मंत्री और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव अपना रास्ता अलग कर सकते हैं। उनकी अपने भतीजे और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से रार किसी से छिपी नहीं है, कई बार ऐसे मौके आए जिनसे लगा कि शायद अब सब ठीक हो गया, लेकिन अब लग रहा है कि शिवपाल अंतिम रूप से फैसला कर चुके हैं।
अखिलेश यादव के नेतृत्व पर उन्होंने बिना नाम लिए ही तीखा हमला भी बोला और साथ ही वो कुछ हद तक अपने बड़े भाई मुलायम सिंह यादव से भी नाराज दिखे। उन्होंने कहा कि शकुनी, शिखंडी, चापलूसों और बेईमानों के रहते पार्टी सरकार में नहीं आ सकती। चापलूस और बेईमानों से बचना है तो सावधान रहना होगा। उन्होंने कहा कि नेता जी सावधान रहते तो कुछ नहीं होता, उनकी बात मानी होती तो आज उत्तर प्रदेश और बिहार में समाजवादी पार्टी और सहयोगी दलों की सरकार होती, नेताजी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनते। कितने लोग पार्टी में शामिल हो रहे थे, छोटे-छोटे दल सपा में विलय कर रहे थे, इस डेथ वारंट पर किसके दस्तखत हैं।

इस बार आम आदमी पार्टी ने राज्‍यसभा टिकटों को लेकर दिखाई राजनैतिक परिपक्‍वता

आम आदमी पार्टी और उसके मुखिया अरविंद केजरीवाल ने राज्‍यसभा चुनावों के लिए अपने प्रत्‍याशियों का एलान कर दिया है।
आम आदमी पार्टी ने इस बार राज्‍यसभा के लिए सीए एनडी गुप्‍ता और बड़े कारोबारी सुशील गुप्‍ता तथा आप के संस्‍थापक सदस्‍य संजय सिंह को राज्‍यसभा का टिकट देकर सभी को हैरान कर दिया है।
लेकिन आप के इस कदम से सबसे ज्‍यादा झटका कुमार विश्‍वास को लगा। जो गाहे बगाहे विवादास्‍पद बयान देते रहते हैं और पार्टी लाइन के इतर मीडिया में बात करके अपनी ही पार्टी को मुसीबत में डाल देते हैं।
भले ही आम आदमी पार्टी के ऊपर राज्‍यसभा के टिकट बेंचनें के आरोप लगे हों। लेकिन इस बार बार पार्टी ने अपने इस फैसले से अपनी राजनैतिक परिपक्‍वता ही जाहिर की है।

लालू यादव की मुश्किलें बढ़ती जा रही है

लालू यादव की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. चारा घोटाले में फैसले के बाद जेल में रात गुजारने के अलावा लालू के पास कोई चारा नहीं है. इसी बीच लालू यादव को सजा सुनाने वाले जज ने सनसनीखेज खुलासा किया है और कोर्ट में बताया है कि लालू समर्थक उन्हे फोन करते हैं. सीबीआई की विशेष अदालत के जज शिवपाल सिंह ने लालू को कहा कि आपके शुभचिंतक दूर दूर से फोन किया और पूछा की मामले का क्या होगा. जवाब में लालू समर्थकों को जज ने कहा कि उन्हे भी अभी नहीं पता कि मामले मे क्या होगा.

गौरतलब है की लालू इन दिनों जेल में है और उनके समर्थक लगातार उन्हें बाहर लाने की कवायद में लगे है. इसी के चलते लालू के समर्थको ने जज को भी फ़ोन घुमा दिया. लालू इन दिनों अकेले पद गए है और कोई भी उनकी और मदद का हाथ नहीं बड़ा रहा है. भीहर में उनका परिवार हर संभव प्रयास कर रह है मगर किसी ओर से कोई उम्मीद नहीं नज़र आ रहे है. मगर लालू फिर भी हिम्मत नहीं हारे है. जेल के नादर से भी लालू ट्विटर के जरिये सक्रीय है.

फ़िलहाल लालू कानून के शिकंजे में फस गए है और उनके विरोधी उन्हें बाहर नहीं आने देने के लिए अपना पूरा जोर लगा रहे है.

अरविंद केजरीवाल ने कुमार विश्वास के बजाय बनिया समाज के ही दो लोगों को राज्यसभा कैसे भेज दिया

साफ है और सुनी-सुनाई भी कि अरविंद केजरीवाल राजनीति की कुछ दूसरी बुराइयों के साथ-साथ अब जाति की राजनीति से भी परहेज नहीं करना चाहते हैं सुनी-सुनाई है कि कुमार विश्वास को राज्यसभा ना भेजने के पीछे अरविंद केजरीवाल के अपने कुछ तर्क है. केजरीवाल के सामने जब उनकी पार्टी के कुछ बड़े नेताओं ने राज्यसभा जाने की इच्छा जताई, तो उनका कहना था कि उन्हें लोकसभा और राज्यसभा दोनों का टिकट नहीं मिल सकता।

2014 के लोकसभा चुनाव के वक्त भी संजय सिंह अरविंद केजरीवाल के करीबी थे, लेकिन उन्हें उस वक्त दिल्ली की सात में से एक भी सीट से चुनाव नहीं लड़ाया गया था. सुनी-सुनाई है कि उसी वक्त यह तय हो गया था कि अगर दिल्ली में 2018 तक आम आदमी पार्टी की सरकार रही तो वे संजय सिंह को जरूर संसद पहुंचाएंगे. 2014 में किसी ने नहीं सोचा था कि लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी दिल्ली की सारी सीटें बुरी तरह हार जाएगी और विधानसभा चुनाव की 70 में से 67 सीटें जीत जाएगी. इस हिसाब से देखें तो जिन नेताओं ने सब्र नहीं रखा वे संसद जाने से चूक गए।

क्या भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा के पीछे नक्सली संगठनों का हाथ है

सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा से एक दिन पहले नक्सलियों से जुड़े संगठनों ने पुणे में एक बैठक की थी भीमा कोरेगांव हिंसा को लेकर सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि इसमें नक्सलियों का हाथ हो सकता है. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के मुताबिक एजेंसियों का मानना है कि हो सकता है महाराष्ट्र में दलितों को भड़काने के लिए नक्सलियों ने भीमा कोरेगांव में हिंसा कराने की योजना बनाई हो. खबर के मुताबिक हिंसा से एक दिन पहले नक्सलियों से जुड़े संगठनों ने पुणे में ‘यलगार परिषद’ नाम से एक बैठक की थी. सुरक्षा एजेंसियों को इस बैठक के दस्तावेज मिले हैं जिसके बाद वे इस निष्कर्ष पहुंचीं कि भीमा कोरेगांव की घटना में शहरी इलाकों में पैठ जमाए नक्सलियों का भी काम हो सकती है।

Wednesday, 3 January 2018

जेल में लालू के 4 खास दोस्त, एक ने भाई का तो दूसरे ने किया टीचर का मर्डर

चारा घोटाले के एक मामले में दोषी लालू प्रसाद यादव को बुधवार को कोर्ट में सजा सुनाई जानी थी। पर ऐसा नहीं हो सका और अब सजा पर सुनवाई गुरुवार को होगी। सजा की सुनवाई के लिए लालू को पूरी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सुबह सवा 10 बजे होटवार जेल से सीबीआई कोर्ट लाया गया। लालू यहां 23 दिसंबर की शाम से बंद थे। 10 दिनों बाद लालू जेल से बाहर निकले तो उनका अंदाज बिल्कुल वैसा ही दिखा जैसा की पहले था।
रांची में ठंड ज्यादा होने की वजह से लालू ऊनी टोपी और स्वेटर पहने हुए थे। हाथाें में एक सफेद रूमाल भी रखा था। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात भी की।
-समर्थकों की भीड़ सुबह से ही कोर्ट और जेल गेट पर पहुंच गई थी। कोर्ट में लालू के आने पर समर्थक काफी उत्साहित हो गए और लालू यादव जिंदाबाद के नारे भी लगाए।
-काफी भीड़-भाड़ के बीच करीब सारे समर्थक लालू को अपना एक बार चेहरा दिखा देना चाहते थे। ऐसे ही माहौल में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच लालू को कोर्ट परिसर में पहुंचाया गया।

ASHISH CHOUDHARY