Sunday, 19 November 2017

GST चिदम्बरम साहब


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  • चिदम्बरम साहब का जो पहला GST ड्राफ्ट था उसके 5 उद्देश्य थे : एक टैक्स, लोजिस्टिक्स, फ़ूड प्रोसेसिंग, स्टोरेज, 1 साल के अंदर रियल एस्टेट और पेट्रोल डीजल को GST के दायरे में लाना नोकरियों की बाढ़ आ जायेगी किसान का 5 लाख ₹ तक का कर्ज एक बार मे माफ कीजिये..3 लाख करोड़ ₹ की ही तो बात है गिरती अर्थव्यवस्था में व्याज दर घटाना आत्महत्या है।अगर कम व्याज दर से ग्रोथ होता तो जापान आज विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होता।30 साल से जापान में व्याज दर 0है।प्राइवेट सेक्टर इन्वेस्टमेंट नही हो रहा है पर सरकार को पैसे मिल सकते है : सरकारी निवेश योजनावो पर या तो 1% व्याज बढ़ा दीजिये या उन्हें टैक्स फ्री कर दीजिये 15 साल की टैक्स फ्री बैंक डिपाजिट चालू कीजिये।10 लाख करोड़ ₹ आयेंगे 3 साल में चिदम्बरम साहब ने 200 ट्रेड एग्रीमेंट किये थे सरकार उनको आगे बढ़ाये एशिया, यूरोप और अफ्रीका के बाजारो पर फिर से भारत की पकड़ मजबूत की जाय. भारत का विदेशी ऋण और GDP का अनुपात विश्व मे सबसे कम है यानी हम सस्ता कर्ज ले सकते है कर्ज लीजिये पर सही काम मे लगाइये ,कर्ज में कोई बुराई नही है,सब्सिडी खत्म मत कीजिये।कांग्रेस की सब्सिडी नीति फिर लागू कीजिये..40,000 करोड़ ₹ की सब्सिडी 3 गुना बन कर लौटेगी सरकारी खजाने में इन सारे प्रस्तावो का मूल्य 6-7 लाख करोड़ ₹ है नोटबन्दी और GST के चक्कर मे हम अबतक 5 लाख करोड़ ₹ खो चुके है इन प्रस्तावों का मूल्य एक इन्वेस्टमेंट है जो 2-3 गुना बन कर 3 सालो में लौट आयेगा GDP फिर से 7.5% -8% हो जायेगी।


ASHISH CHOUDHARY